सत्य धर्म

कहते हैं “सत्य कड़वा होता है”,
पर वास्तविकता यह है कि सत्य कड़वा हो ही नहीं सकता ।
यदि कड़वा होता तो भगवान तो सदैव असत्य-वचन ही बोलते क्योंकि भगवान कभी कड़वे वचन बोल ही नहीं सकते और उन्होंने तो सत्य के अलावा कुछ बोला ही नहीं !
सचाई यह है कि हम सत्य को कलुषता के लिफाफे में रख कर pass-on करते हैं ।

गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

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One Response

  1. Suresh chandra jain

    Uttam satya ka marg tabhi milega jab apni atma ka swarup janoge.
    Jo ham satya bolte hain vah satya nahi hoga; satya ki pehchan apni atma se judkar hogi, tab uttam satya ki prapti hogi.

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