उपकार

एक व्यक्ति ने अपने दुश्मन की तीव्र आलोचना एक पत्रिका में बिना अपना नाम दिये छपवा दी।
कुछ दिनों बाद आलोचक पर भारी आर्थिक संकट आ गया।
दूसरे व्यक्ति ने उसकी आर्थिक सहायता की पर अपना नाम नहीं बताया ।
पहले व्यक्ति के नाम न बताने का कारण पूछने पर उसका जबाब था-
तुमने भी तो आलोचना में अपना नाम नहीं दिया था न !

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