एहसास

नीचे से ऊपर (वालों साधु आदि) का अनुमान गलत ही होगा,
ऊपर से नीचे देखने पर तो चक्कर आ जाते हैं ।
सही एहसास/अनुमान समान धरातल पर आने पर ही होता है ।

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4 Responses

  1. यह कथन बिलकुल सही है – साथुओं की पहचान का एहसास तभी होगा जब उनके संपर्क में आकर, उनकी विशुद्ध चर्या को देखकर, आप स्वयं ही नतमस्तक हो जावेंगे । साधुओं के संयम, त्याग देखकर ही आपको एहसास हो जाएगा कि यही सच्चे साधु हैं ।

    1. साधु आदि को judge, नीचे की भूमिका से सही नहीं किया जा सकता ।
      सही judgement तो बराबर से ही हो सकता है ।

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