पढ़ाते समय शिक्षक* सबको एक सा पढ़ाता है पर परीक्षा में कोई पास तो कोई फ़ेल होता है, इसके लिये शिक्षक को दोषी** नहीं कह सकते हैं ।
* आत्मशक्ति
** पुरुषार्थ
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पुरुषार्थ का मतलब चेष्टा या प़यास करना होता है।
अतः उक्त कथन सत्य है कि शिक्षक सभी विधार्थी को पढ़ाते हैं, जिसमें फेल और पास दोनों होते हैं। पुरुषार्थ तो दोनों करते हैं लेकिन विधार्थियों को आत्मविश्वास न होने के कारण फेल होते हैं लेकिन जिसमें आत्मविश्वास होता है वह अवश्य पास होते हैं।
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पुरुषार्थ का मतलब चेष्टा या प़यास करना होता है।
अतः उक्त कथन सत्य है कि शिक्षक सभी विधार्थी को पढ़ाते हैं, जिसमें फेल और पास दोनों होते हैं। पुरुषार्थ तो दोनों करते हैं लेकिन विधार्थियों को आत्मविश्वास न होने के कारण फेल होते हैं लेकिन जिसमें आत्मविश्वास होता है वह अवश्य पास होते हैं।