कर्म बछड़े जैसे हैं, जो 100 गायों में छिपी अपनी माँ को ढ़ूँढ़ ही लेता है ।
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कर्म किसी को छोडते नहीं हैं; वह अपना परिणाम देते रहते हैं ।अतः, वर्तमान में पुरुषार्थ से, अच्छे कार्य करने का प्रयास करें, जिससे भविष्य में पुराने कर्मों में, बदलाव होने की, उम्मीद रहेगी ।
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कर्म किसी को छोडते नहीं हैं; वह अपना परिणाम देते रहते हैं ।अतः, वर्तमान में पुरुषार्थ से, अच्छे कार्य करने का प्रयास करें, जिससे भविष्य में पुराने कर्मों में, बदलाव होने की, उम्मीद रहेगी ।