कामना / प्रार्थना
कामना में इच्छा/आग्रह है, पूरी ना होने पर दल बदलते रहते हैं;
प्रार्थना में ना इच्छा है, न उसके पूर्ण होने का भाव और ना ही दलबदल;
प्रार्थना करते समय कामनायें समाप्त हो जाती हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
कामना में इच्छा/आग्रह है, पूरी ना होने पर दल बदलते रहते हैं;
प्रार्थना में ना इच्छा है, न उसके पूर्ण होने का भाव और ना ही दलबदल;
प्रार्थना करते समय कामनायें समाप्त हो जाती हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि कामना एवं प़ार्थना में बहुत उत्तम संन्देश दिया गया है कि कामना में इच्छा एवं आग़ह रहता है,जो पूरी न होने पर दल बदलते रहते हैं। लेकिन प़ार्थना में न इच्छा न ही उसे पूर्ण होने का भाव, और न दलबदल। अतः जीवन में प़ार्थना करते समय कामनायें समाप्त हो जाती है।