काल

आचार्य श्री विद्यासागर जी के पास एक व्यक्ति ने कहा –> मैं काल को नहीं मानता ॥
आचार्य श्री –> फिर घड़ी क्यों पहने हो?
बदलाव सबमें (मन, वचन, काय) होता है/परिवर्तन धर्म है। रागद्वेष बदलाव स्वीकार नहीं करता है पर काल स्थिर नहीं रहने देता है।

ब्र. डॉ. नीलेश भैया

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