जो निशुल्क है, वही सबसे ज़्यादा क़ीमती है..
“नींद, शान्ति, आनंद, हवा, पानी, प्रकाश और सबसे ज़्यादा, हमारी साँसें” ।
(आर.के.गुप्ता)
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2 Responses
बहुत सुंदर कथन है – –
आजकल,निशुल्क चीज़ों की परवाह नहीं करते हैं, बल्कि सम्मान के साथ ऊपर लिखी चीज़ों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए;तभी अपने जीवन में आनंद प्राप्त कर सकते हैं ।
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बहुत सुंदर कथन है – –
आजकल,निशुल्क चीज़ों की परवाह नहीं करते हैं, बल्कि सम्मान के साथ ऊपर लिखी चीज़ों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए;तभी अपने जीवन में आनंद प्राप्त कर सकते हैं ।
Very well said; and these are precisely the things, we take for granted.