केवली का ज्ञान
केवली निश्चय नय से आत्मा को जानते हैं,
व्यवहार नय से सब जानते हैं ।
व्यवहार नय ‘पर’ के आश्रित तथा निश्चय नय ‘स्व’ के आश्रित है ।
प्रमाण से दौनों को जानते हैं ।
पं रतनचन्द्रजी मुख्तार – व्य. कृ – 159
केवली निश्चय नय से आत्मा को जानते हैं,
व्यवहार नय से सब जानते हैं ।
व्यवहार नय ‘पर’ के आश्रित तथा निश्चय नय ‘स्व’ के आश्रित है ।
प्रमाण से दौनों को जानते हैं ।
पं रतनचन्द्रजी मुख्तार – व्य. कृ – 159