केवली-समुद्घात से तीनों अघातिया कर्म कम कैसे हो जाते हैं ?
जैसे कम दूर जाने से Calories कम झरती है, दूर तक टहलने से ज्यादा।
चिंतन
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केवली—चार घातिया कर्मो के क्षय होने से केवल-ज्ञान प़ाप्त हो गया हो उसे कहते हैं, इन्हे अर्हन्त भी कहते हैं।
केवली-समुद़घात से तीनो घातिया कर्म की स्थिति कम हो जाती है जैसे दूध उबालकर शान्त हो जाता है उसी प्रकार की क़िया को कहते हैं।
उपरोक्त उदाहरण सही है कि केलोरी को कम करने के लिए कम चलने पर कम होती हैं लेकिन दूर तक चलने पर अधिक नष्ट होती है।
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केवली—चार घातिया कर्मो के क्षय होने से केवल-ज्ञान प़ाप्त हो गया हो उसे कहते हैं, इन्हे अर्हन्त भी कहते हैं।
केवली-समुद़घात से तीनो घातिया कर्म की स्थिति कम हो जाती है जैसे दूध उबालकर शान्त हो जाता है उसी प्रकार की क़िया को कहते हैं।
उपरोक्त उदाहरण सही है कि केलोरी को कम करने के लिए कम चलने पर कम होती हैं लेकिन दूर तक चलने पर अधिक नष्ट होती है।