क्षमा दिवस

भगवान, गुरु, शास्त्रों से;
माँ और बड़ों से, उनके बताये हुए मार्ग पर न चल पाने के लिये;
अपने आप से, जीवन सही तरीके से न जी पाने के लिये;
संसार के सब जीवों से, जाने/अनजाने में हुई ग़लतीयों के लिये;
क्षमा भाव ।

2) रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार,
रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार ।

(ब्र.निलेश भय्या)

3) दिल में बसी नफ़रत को मिटा देना भी,
एक स्वच्छता अभियान है ।

(आर.के.गुप्ता)

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4 Responses

  1. Suresh chandra jain

    Uttam kshama divas par yah kathan sahi hai; sabse pehle kshama apne dushmanon se mangni chahiye, uske baad jinse dil milte hain unse dil se kshama mangna chahiye. Aajkal sab formality mein mangte hain, jiska anand jeevan mein nahi aayega.

    1. मुक्ता(कीमती) की माला बारबार टूटने पर भी बारबार जोड़ते रहते हो,
      वैसे ही प्रियजनों को बारबार मनायें ।

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