क्षायिक भाव/चारित्र
8-10 गुणस्थान में कषाय/ मोह का क्षय तो हुआ नहीं क्षायिक भाव/चारित्र कैसे कह दिया ?
क्षपक-श्रेणी वाला क्षय करेगा ही/ उसी के लिये क्षपक श्रेणी चढ़ रहा है, इसलिये कहा।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
8-10 गुणस्थान में कषाय/ मोह का क्षय तो हुआ नहीं क्षायिक भाव/चारित्र कैसे कह दिया ?
क्षपक-श्रेणी वाला क्षय करेगा ही/ उसी के लिये क्षपक श्रेणी चढ़ रहा है, इसलिये कहा।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने क्षायिक भाव एवं चारित्र के विषय में जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः उक्त कथन सत्य है कि कषाय और मोह का क्षय होना परम आवश्यक है!