गुरु और साधुता
सच्चा गुरु मिल जाये तो साधुता निभाना आसान हो जाता है ।
पर सच्चे गुरु की थाह लेना वैसा ही है जैसे कोई रस्सी में नमक का डेला बाँधकर समुद्र की थाह लेना चाहे ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सच्चा गुरु मिल जाये तो साधुता निभाना आसान हो जाता है ।
पर सच्चे गुरु की थाह लेना वैसा ही है जैसे कोई रस्सी में नमक का डेला बाँधकर समुद्र की थाह लेना चाहे ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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गुरुओं के बिना जीवन सफल नहीं हो सकता है। जीवन में माता-पिता के बाद गुरुओं का महत्व है जो हमें जीवन जीने का रास्ता दिखाते हैं। भगवान् के उपदेशों से ही धमॅ कैसे किया जाता है और रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं।