गुरु ठोंकेगा पर, हाथ का सहारा देकर;
शिष्य ठुकेगा, पर (अपने) हाथ का सहारा लेकर;
किसी तीसरे का सहारा ले लिया तो बेसहारा हो जायेगा ।
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4 Responses
गुरु/शिष्य का रिश्ता ही सबसे महत्वपुर्ण होता है जो जीवन की दिशा में बदलाव लाता है।गुरु अपने शिष्य को पारमार्थिक दिशा में बदलाव ला सकते हैं।शिष्य को गुरुओं का सहारा लेना आवश्यक है जिससे जीवन का कल्याण हो सकता है यदि गुरुओं का सहारा नहीं लेगा तो बेसहारा ही होगा।अतः उचित होगा कि जीवन के कल्याण के लिए गुरुओं का सानिध्य लेना चाहिए।
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गुरु/शिष्य का रिश्ता ही सबसे महत्वपुर्ण होता है जो जीवन की दिशा में बदलाव लाता है।गुरु अपने शिष्य को पारमार्थिक दिशा में बदलाव ला सकते हैं।शिष्य को गुरुओं का सहारा लेना आवश्यक है जिससे जीवन का कल्याण हो सकता है यदि गुरुओं का सहारा नहीं लेगा तो बेसहारा ही होगा।अतः उचित होगा कि जीवन के कल्याण के लिए गुरुओं का सानिध्य लेना चाहिए।
Can meaning of the 2nd line be explained please?
शिष्य अपने बल-बूते पर प्रायश्चित सहेगा तो ही उसका कल्याण होगा।
Okay.