गुरु-आज्ञा
शिष्य उपवास करना चाहता है, गुरु ने आज्ञा नहीं दी,
तो पुण्य उपवास में ज़्यादा या आहार करने में ?
गुरु-आज्ञा में ज़्यादा पुण्य है ।
शिष्य उपवास करना चाहता है, गुरु ने आज्ञा नहीं दी,
तो पुण्य उपवास में ज़्यादा या आहार करने में ?
गुरु-आज्ञा में ज़्यादा पुण्य है ।
One Response
गुरु की आज्ञा का पालन करने से पुण्य का फल पूरा मिलता है, लेकिन बिना आज्ञा के उपवास करने का फ़ैसला किया है, तो उसका पुण्य का फल कम मिलेगा ।
गुरु की जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है; वही सभी का कल्याण करते हैं ।