गुरू
जहाँ नदी का पानी (भगवान की वाणी) नहीं पहुँच पाता, वहाँ गुरू रूपी नहर/पाइप से पानी पहुँचाया जाता है ।
मुनि श्री निर्वेगसागर जी
जहाँ नदी का पानी (भगवान की वाणी) नहीं पहुँच पाता, वहाँ गुरू रूपी नहर/पाइप से पानी पहुँचाया जाता है ।
मुनि श्री निर्वेगसागर जी
One Response
Suresh Chandra Jain
This Is very true,Bhagwan ki wani ko grue he spread karate hain every where