चरण-चिन्ह महिलाऐं छू सकतीं हैं; वे चिन्ह हैं, चरण नहीं । मूर्ति में भगवान की स्थापना है/उन्हीं का आकार है/उनमें भगवान ही देखे जाते हैं । इस तरह इन दोनों में अंतर है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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