जैन धर्म के अनुसार चार अवस्थाओं का वर्णन है। ब़म्हचर्य, ग़हस्थ, वानप़स्थ एवं सन्यास आश्रमों का उल्लेख किया गया है। यह कथन सही है कि बालावस्था में ज्ञान अर्जित किया जाता है, युवास्था में ग़हस्थ और धनोपार्जन एवं वृद्बावस्था में धर्मकार्य करके पुण्यार्जन प़ाप्त किया जा सकता है।
One Response
जैन धर्म के अनुसार चार अवस्थाओं का वर्णन है। ब़म्हचर्य, ग़हस्थ, वानप़स्थ एवं सन्यास आश्रमों का उल्लेख किया गया है। यह कथन सही है कि बालावस्था में ज्ञान अर्जित किया जाता है, युवास्था में ग़हस्थ और धनोपार्जन एवं वृद्बावस्था में धर्मकार्य करके पुण्यार्जन प़ाप्त किया जा सकता है।