जीव / पुद्गल
4 द्रव्य तो उदासीन हैं, जीव और पुद्गल में युद्ध चलता रहता है।
चूंकि संसार काजल कोठरी है सो कालिख लगती ही है और कालिख लगते ही, पुद्गल (कर्मवर्गणाएं) जीव पर हावी हो जाता है।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
4 द्रव्य तो उदासीन हैं, जीव और पुद्गल में युद्ध चलता रहता है।
चूंकि संसार काजल कोठरी है सो कालिख लगती ही है और कालिख लगते ही, पुद्गल (कर्मवर्गणाएं) जीव पर हावी हो जाता है।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का जीव एवं पुद्ग़ल का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जीव और पुद्गल में युद्ध चलता रहता है यह भी सत्य है!