जीव
जीव जब तक 10 प्राणों से अतीत नहीं होता तब तक उसका एहसास नहीं होता जैसे पानी में मिठास का एहसास तभी होता है जब बताशा अपना अस्तित्व खो देता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
जीव जब तक 10 प्राणों से अतीत नहीं होता तब तक उसका एहसास नहीं होता जैसे पानी में मिठास का एहसास तभी होता है जब बताशा अपना अस्तित्व खो देता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
2 Responses
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने जीव का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए जीवन में जीव हत्या के भाव भी नहीं आना चाहिए।
Beautiful post !