ज्ञान
गला गीला करने के लिये थोड़ा सा पानी ही काफी है,
आत्मकल्याण करने के लिये थोड़ा सा ज्ञान ही काफी है ।
श्री सुभाष भाई – चिन्तन
गला गीला करने के लिये थोड़ा सा पानी ही काफी है,
आत्मकल्याण करने के लिये थोड़ा सा ज्ञान ही काफी है ।
श्री सुभाष भाई – चिन्तन
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‘शुद्घ,बुद्ध,चैतन्यघन,स्वयंज्योति,सुखधाम’.-ज्ञान तो जीव का स्वभाव – धर्म है,अपने मे डुबकी तो लगा.