तारीफ़ / ख़ुशामद

तारीफ़ और ख़ुशामद में एक बड़ा फ़र्क है…
तारीफ़ आदमी के “काम” की होती है,
और
ख़ुशामद “काम” के आदमी की !

🙏🏻 सुरेश 🙏🏻

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One Response

  1. यह सही है कि तारीफ़ गुणों की होती है, जबकि ख़ुशामद अपने काम निकालने के लिए करते हैं। आजकल मनुष्य ख़ुशामद ज्यादा करता है ताकि अपना काम निकालले, जबकि अच्छे काम की तारीफ़ अथवा प़शंसा नहीं करते हैं। अतः जीवन में सफलता के लिए दूसरों के अच्छे काम की तारीफ़ अवश्य करना चाहिए।

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