तीर्थंकर / शलाका पुरुष

नरक से निकलकर तीर्थंकर तो बनते हैं पर शलाका पुरुष नहीं बनते हैं।
कारण?
तीर्थंकरों का सातिशय पुण्य होता है जो ३-४ भवों तक बना रहता है। शलाका पुरुषों का सामान्य पुण्य जो अगले भव तक ही फलित होता है।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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7 Responses

  1. शलाका पुरुष का मतलब तीर्थंकर, चक्रवर्ती आदि प्रसिद्ध पुरुष को कहते हैं। इसमें चोबीस तीर्थंकरों,बारह चक्रवर्ती,नौ नारायण,नौ प़ति नारायण और नौ बलभद्र,यह त्रेसठ शलाकार पुरुष होते हैं। अतः मुनि महाराज ने उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। उक्त सब पुण्य के आधार पर ही भव का निर्धारित होता है।

    1. एक natural प्रश्न मन में उठता है कि सामान्य शलाका पुरुष तो नरक से नहीं आते पर महानतम तीर्थंकर आ सकते हैं!
      कारण समझाया कि पहले वालों का पुण्य भी सामान्य होता है जो तीसरे भव तक नहीं टिकता जबकि तीर्थंकरों का प्रशस्त जो तीसरे भव तक बना रहता है।

    2. एक natural प्रश्न मन में उठता है कि सामान्य शलाका पुरुष तो नरक से नहीं आते पर महानतम तीर्थंकर क्यों आ सकते हैं!
      कारण समझाया कि पहले वालों का पुण्य भी सामान्य होता है जबकि तीर्थंकरों का प्रशस्त जो तीसरे भव तक फलित हो सकता है।

    1. सातिशय पुण्य तीसरे भव तक फलित हो सकता है जबकि साधारण पुण्य दूसरे भव तक ही।

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