दर्शनावरण/ज्ञानावरण

दर्शनावरण को द्वारपाल का तथा ज्ञानावरण को पर्दे का उदाहरण इसीलिये दिया गया है क्योंकि पहले द्वारपाल रोकता है (दर्शन भी पहले) फ़िर अंदर पहुँचने पर अपने अपने ज्ञान पर पड़े पर्दे के अनुसार हम मंदिर के वातावरण का लाभ लेते हैं ।

(केवलज्ञानी के लिये केवलज्ञान का प्रयोग पहले किया जाता है, क्योंकि उनके केवलज्ञान और केवलदर्शन साथ साथ होते हैं, परन्तु केवलज्ञान का महत्व ज्यादा होता है । )

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