दान का फल
उत्तम पात्र को दान देने से उत्तम भोगभूमि, मध्यम को देने से मध्यम, जघन्य से जघन्य भोगभूमि मिलती है ।
दाता सम्यग्दृष्टि हो तो वैमानिक देव ।
कुपात्र को देने से कुभोग भूमि ।
पाठशाला
उत्तम पात्र को दान देने से उत्तम भोगभूमि, मध्यम को देने से मध्यम, जघन्य से जघन्य भोगभूमि मिलती है ।
दाता सम्यग्दृष्टि हो तो वैमानिक देव ।
कुपात्र को देने से कुभोग भूमि ।
पाठशाला