दुःख
एक दुःखी आदमी देवता के पास जाकर बहुत दुःखी हुआ, उसकी शिकायत थी कि इस दुनिया में सबसे ज्यादा दुःख मुझे ही क्यों मिले हैं ?
देव ने सलाह दी कि उसके शहर में एक Exhibition होने वाली है जिसमें सब दुःखी लोग अपने अपने दुःखों की पोटलियां लटका देगें और अगले दिन वो पोटलियां Exchange करने का Chance दिया जायेगा । तुम सब से पहले जाकर सबसे छोटी पोटली लेकर चले जाना ।
अगले दिन वह आदमी अपनी ही पोटली उठाकर चला गया ।
हम अपने दुःखों को तो बढ़ाकर और दूसरों को दुःखों को कम करके देखते हैं,
पर Interchange करने को तैयार नहीं होते हैं ।
मुनि श्री क्षमासागर जी