दु:ख अज्ञान में,
दु:ख का निवारण?…
अज्ञान समाप्त करके ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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One Response
दुःख का तात्पर्य पीड़ा रुप का परिणाम होता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है दुःख का कारण अज्ञान है, इसके निवारण के लिए अज्ञान समाप्त करना आवश्यक है। अतः इसमें समता का भाव रखना परम आवश्यक है ताकि दुखों को कम किया जा सकता है ।
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दुःख का तात्पर्य पीड़ा रुप का परिणाम होता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है दुःख का कारण अज्ञान है, इसके निवारण के लिए अज्ञान समाप्त करना आवश्यक है। अतः इसमें समता का भाव रखना परम आवश्यक है ताकि दुखों को कम किया जा सकता है ।