धर्म के भेद
1. उपासना – पूजादि
2. नैतिकता – ईमानदारी/कर्त्तव्य निष्ठादि
3. आध्यात्म – अपने सच्चे स्वरूप को समझना कि मैं शरीर नहीं, आत्मा हूँ और वैसा महसूस/व्यवहार करना ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
1. नींव
2. स्तंभ
3. छत
चिंतन
1. उपासना – पूजादि
2. नैतिकता – ईमानदारी/कर्त्तव्य निष्ठादि
3. आध्यात्म – अपने सच्चे स्वरूप को समझना कि मैं शरीर नहीं, आत्मा हूँ और वैसा महसूस/व्यवहार करना ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
1. नींव
2. स्तंभ
3. छत
चिंतन
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि धर्म के भेद तीन माने गये हैं, इसमें उपासना जिसमें पूजा आदि, नैतिकता इसमें ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा होनी चाहिए, अध्यात्म में अपने स्वरुप को समझना कि मैं शरीर नहीं बल्कि आत्मा हूं, और वैसा महसूस करना व व्यवहार करना आवश्यक है। अतः उपासना नींव है, जबकि नैतिकता स्तंभ है, जबकि अध्यात्म छत का कार्य है।