धर्म चेतन है क्योंकि यह धर्मात्माओं के आधार से रहता है।
मुनि श्री महासागर जी
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धर्म का तात्पर्य सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यग्चारित्र है,या जो जीवों को संसार के दुखों से बचा कर मोक्ष सुख में पहुंचाता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि धर्म चेतन है क्योंकि यह धर्मात्माओं के आधार से रहता है।
अतः हर जीव को धर्म का आश्रय लेना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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धर्म का तात्पर्य सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यग्चारित्र है,या जो जीवों को संसार के दुखों से बचा कर मोक्ष सुख में पहुंचाता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि धर्म चेतन है क्योंकि यह धर्मात्माओं के आधार से रहता है।
अतः हर जीव को धर्म का आश्रय लेना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।