धारणा = धारण करना, व्रतादि को, प्रवेश कराना चक्रव्यूह में।
पारणा = पूरा करना, व्रतादि को निकालना चक्रव्यूह से।
धारणा से पारणा ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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धारणा का मतलब जाने हुए पदार्थों का कालान्तर नहीं भूलना,यह मति ज्ञान है, अथवा मन को एक़ाग करना धारणा ध्यान होता है।
पारणा का मतलब अपनी धारणा को पूर्ण करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि धारणा का मतलब धारण करना,व़तादि को प़वेश करना यह चक्रव्यूह में । पारणा का मतलब उसको पूरा करना, अपने व़तादि को पूर्ण करना। अतः धारणा से महत्वपूर्ण है पारणा करना।
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धारणा का मतलब जाने हुए पदार्थों का कालान्तर नहीं भूलना,यह मति ज्ञान है, अथवा मन को एक़ाग करना धारणा ध्यान होता है।
पारणा का मतलब अपनी धारणा को पूर्ण करना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि धारणा का मतलब धारण करना,व़तादि को प़वेश करना यह चक्रव्यूह में । पारणा का मतलब उसको पूरा करना, अपने व़तादि को पूर्ण करना। अतः धारणा से महत्वपूर्ण है पारणा करना।