निद्रा

साधुजन साहूकारों जैसी निद्रा लेते हैं – अल्प और जागरूक ।
साहूकार अपनी निधि की रक्षा हेतु जागरुक रहता है,
साधु आत्मरूपी अमूल्य निधि की रक्षा हेतु ।

रत्नत्रय – 3

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One Response

  1. उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है। श्रावकों को निद्रा के लिए, सभी विकल्प छोडकर भगवान् को स्मरण करके, णमोकार मंत्र का 9 बार जप करना चाहिए; तब अवश्य ही अच्छी नींद का आनंद उठा सकते हैं ।

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