पंचपरावर्तन से बचने के लिये जीवन में परिवर्तन आवश्यक है ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है पांच पापों से बचाने के लिए जीवन में परिवर्तन परम आवश्यक है। जीवन में हिंसा, झूठ, चोरी, असत्य, और परिग़ह में परिवर्तन लाना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण करने में समर्थ हो सकते हैं।
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उपरोक्त कथन सत्य है पांच पापों से बचाने के लिए जीवन में परिवर्तन परम आवश्यक है। जीवन में हिंसा, झूठ, चोरी, असत्य, और परिग़ह में परिवर्तन लाना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण करने में समर्थ हो सकते हैं।