सम्यग्दर्शन—सच्चे देव शास्त्र गुरु के प्रति श्रद्वान का नाम सम्यग्दर्शन है। अतः सम्यग्दर्शन प़ायः मिथ्यात्व के माहौल में ही होता है। Reply
हो सकता है कि महाराज जी का अभिप्राय तीनों प्रकार के सम्यग्दर्शन की अपेक्षा “प्रायः” शब्द प्रथमोपशम-सम्यक्त्व को ध्यान में रखकर किया हो । Reply
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सम्यग्दर्शन—सच्चे देव शास्त्र गुरु के प्रति श्रद्वान का नाम सम्यग्दर्शन है।
अतः सम्यग्दर्शन प़ायः मिथ्यात्व के माहौल में ही होता है।
What is the reason?
सम्यग्दर्शन में आने से पहले मिथ्यात्व ही होगा न !
प्रकाश अंधेरे में ही होगा न !!
To phir “almost” ki jagah “always” use hona chahiye tha?
हो सकता है कि महाराज जी का अभिप्राय तीनों प्रकार के सम्यग्दर्शन की अपेक्षा “प्रायः” शब्द प्रथमोपशम-सम्यक्त्व को ध्यान में रखकर किया हो ।
Okay.