वर्तमान का पापी यदि वैभव संपन्न है तो पूर्व के पुण्य से,
पर
वर्तमान के पाप उसे आकुलता, बदनामी तथा भविष्य की दुर्गति का कारण बनते हैं ।
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यह कथन बिलकुल सत्य है – – –
यदि कोई पापी व्यक्ति, वर्तमान में वैभव सम्पन्न है, तो उसके पूर्व के पुण्य का फल मिल रहा है, लेकिन इस समय पाप के काम करेगा, तो उसका पुण्य भी पाप में अवश्य बदल जाएगा एवम् आकुलता-व्याकुलता बनी रहेगी; अतः हमेशा पाप के काम से बचें, तभी आपका कल्याण होगा ।पाप से छुटकारा पाने के लिए, धर्म से जुडकर ही लाभ मिलेगा ।
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यह कथन बिलकुल सत्य है – – –
यदि कोई पापी व्यक्ति, वर्तमान में वैभव सम्पन्न है, तो उसके पूर्व के पुण्य का फल मिल रहा है, लेकिन इस समय पाप के काम करेगा, तो उसका पुण्य भी पाप में अवश्य बदल जाएगा एवम् आकुलता-व्याकुलता बनी रहेगी; अतः हमेशा पाप के काम से बचें, तभी आपका कल्याण होगा ।पाप से छुटकारा पाने के लिए, धर्म से जुडकर ही लाभ मिलेगा ।