परिस्थितिवश पाप
परिस्थिति पाप नहीं कराती,
पाप तो मन:स्थिति से होता है।
जिस परिस्थिति में रागी, पाप करता है;
उसी परिस्थिति में वैरागी पुण्य करता है ।
(क्षु.श्री ध्यान सा.जी)
परिस्थिति पाप नहीं कराती,
पाप तो मन:स्थिति से होता है।
जिस परिस्थिति में रागी, पाप करता है;
उसी परिस्थिति में वैरागी पुण्य करता है ।
(क्षु.श्री ध्यान सा.जी)