“पूज्य” बनो, या “पूजक”,
तीसरा कुछ नहीं, तीसरा तो बस “तीये” की बैठक होगी ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि पूज्य बनो यानी जिसकी पूजा की जाती है, अथवा पूजक बनो यानी जो पूज्य की पूजा करता है। तीसरा कुछ नहीं, बल्कि तीसरा तो बस तीये की बैठक होगी।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि पूज्य बनो यानी जिसकी पूजा की जाती है, अथवा पूजक बनो यानी जो पूज्य की पूजा करता है। तीसरा कुछ नहीं, बल्कि तीसरा तो बस तीये की बैठक होगी।