प्रवचन
प्रवचन स्वाध्याय में तभी माना जायेगा जब वह प्रवचन स्वयं के लिये दिया गया हो ।
मुनि श्री सुधासागर जी
प्रवचन स्वाध्याय में तभी माना जायेगा जब वह प्रवचन स्वयं के लिये दिया गया हो ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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6 Responses
“Pravachan” swayam ke liye, kab diya jaata hai?
जब प्रवचनकर्ता के भाव ऐसे हो जाते हैं कि…
” मैं सिर्फ अपना उपादान-कर्ता हूँ, अन्य का निमित्त-कर्ता “
प़वचन—अरिहन्त भगवानो की वाणी जो आगम के रुप में कही जाती है।
अतः यह कथन सत्य है कि प़वचन स्वाध्याय के रुप में माना जाता है जो स्वंय के लिए दिया गया हो।
“Upadan-karta” se kya samjhein?
इसको समझने में तुम उपादान-कारण हो ।
यदि तुम्हारी capability होगी तो ही तुम समझ पाओगी ।
(अब तो तुम यह भी नहीं कह सकतीं कि…
“समझ नहीं आया!”☺)
Okay.