बटवारा
दो भाईयों में बटवारा एक कीमती शीशे को लेकर अटक गया,
कौन ले !
गुरू के पास गये,उन्होंने शीशे को पटक दिया, दरार पड़ गयी ।
गुरू – शीशे में दरार तो सही जा सकती है पर सम्बंधों में नहीं ।
आचार्य महाश्रमण जी
दो भाईयों में बटवारा एक कीमती शीशे को लेकर अटक गया,
कौन ले !
गुरू के पास गये,उन्होंने शीशे को पटक दिया, दरार पड़ गयी ।
गुरू – शीशे में दरार तो सही जा सकती है पर सम्बंधों में नहीं ।
आचार्य महाश्रमण जी