यह कथन सत्य है कि जिनको बुद्बि होती है वह लोग अधिकतर हानि और लाभ की तरफ देखते हैं।जब कि विवेक हित और अहित की ओर देखकर ही निर्णय लेते हैं।जब किसी को साधु नियम दिलाते हैं तो विवेक रखने वाले ग़हण कर लेते हैं जब कि बुद्बिमान लोग हानि और लाभ का सोचते रहते हैं, जिसके कारण नियम ग़हण नहीं कर पाते हैं।अतः जीवन में विवेक होना चाहिए वही लोग अपना कल्याण करने में समर्थ होते हैं।
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यह कथन सत्य है कि जिनको बुद्बि होती है वह लोग अधिकतर हानि और लाभ की तरफ देखते हैं।जब कि विवेक हित और अहित की ओर देखकर ही निर्णय लेते हैं।जब किसी को साधु नियम दिलाते हैं तो विवेक रखने वाले ग़हण कर लेते हैं जब कि बुद्बिमान लोग हानि और लाभ का सोचते रहते हैं, जिसके कारण नियम ग़हण नहीं कर पाते हैं।अतः जीवन में विवेक होना चाहिए वही लोग अपना कल्याण करने में समर्थ होते हैं।