भक्त / भगवान

हनुमान को संकट-मोचन कहा, राम को क्यों नहीं ?
सेवक मालिक की सेवा करता है या मालिक सेवक की ??

Share this on...

3 Responses

  1. सेवक का काम मालिक की सेवा करना होता है जबकि मालिक उसके प़ति कृतज्ञता प़कट करते हैं। जब श्री रामचन्द्रजी वनवास से वापिस आने पर राज्य में सबका सम्मान करते हैं. लेकिन श्री हनुमान जी का सम्मान नहीं किया क्योंकि उनने कहा कि वह उनकी सेवा का कभी भी किसी भी प्रकार उनकी सेवा का मूल्य नहीं चुका सकता हूं सिर्फ कृतज्ञता ही प़कट कर सकता हूं। इसलिए श्री हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है। यही सही भक्त की पहिचान है।

  2. Sevak Malik ki seva karta hai esliye hanuman ko Sankat mochan kaha. Ram sevak nahi jain.Aur koe kisi ka kuchh karta nahi hai arthat hota fir bhi kisi ko Mahtva dene abm Lok Vyavhar se Aisa bola jata hai.

    1. यहाँ आशय है…
      कि हम भगवान/गुरु से अपने काम कराने की अपेक्षा न रक्खें ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

December 11, 2017

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930