भक्ति से तृप्ति
जैसे मिठाई के नाम से ही मुँह में गीलापन आ जाता है/ तृप्ति सी लगने लगती है,
ऐसे ही भक्ति से भगवान आ नहीं जाते, पर गीलापन(आंखो में)/तृप्ति(हृदय में) आ जाती है ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
जैसे मिठाई के नाम से ही मुँह में गीलापन आ जाता है/ तृप्ति सी लगने लगती है,
ऐसे ही भक्ति से भगवान आ नहीं जाते, पर गीलापन(आंखो में)/तृप्ति(हृदय में) आ जाती है ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
One Response
भक्ति,अर्हन्त आदि के गुणो में अनुराग रखना होता है।अतः जैसे इष्ट मिठाई के नाम मात्र से ही तृप्ति और मुह मे गीलापन हो जाता है, उसी प्रकार भक्ति में अनुराग होने पर आखों में गीलापन और हृदय में तृप्ति होती है उस भक्ति से तृप्ति मिल सकती है।