भगवान और भाग्य
भगवान और भाग्य का हमारे जीवन में Role कब आता है ?
जब हमारा Role समाप्त हो जाता है, तब उनका Role शुरू होता है ।
अपने को स्थिर रखना, हमारा Role है, परिस्थतियों को स्थिर रखना उनका ।
भगवान और भाग्य का हमारे जीवन में Role कब आता है ?
जब हमारा Role समाप्त हो जाता है, तब उनका Role शुरू होता है ।
अपने को स्थिर रखना, हमारा Role है, परिस्थतियों को स्थिर रखना उनका ।
2 Responses
उक्त कथन सत्य है कि भगवान् का रोल तब शुरू होता है जब अपना रोल समाप्त होता है। भाग्य तो जीवन में जो अच्छा बुरा करते हैं,उसका लेखा जोखा है। भगवान् तो कुछ नहीं करते हैं लेकिन परिस्थितियों को स्थिर रखना उनका काम है, जबकि अपने को स्थिर रखना हम लोगों का रोल है।
It’s a beautiful explanation to understand the importance of “Purushartha” over “Bhagya” !!