मंदिर में भगवान की ओर मुँह करके पूजादि करना सर्वोत्तम ।
उसे पूर्व दिशा माना जाता है ।
(क्योंकि भगवान में तो 100 सूर्य का प्रकाश होता है)
मुनि श्री सुधासागर जी
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यह कथन सत्य है कि मंदिर में भगवान् की ओर मुख करके पूजादि करना सर्वोत्तम होती है। मंदिर में अपना मुख पूर्व की तरफ़ ही रखना होता है क्योंकि भगवान् में तो 100 सूर्य का प्रकाश होता है।
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यह कथन सत्य है कि मंदिर में भगवान् की ओर मुख करके पूजादि करना सर्वोत्तम होती है। मंदिर में अपना मुख पूर्व की तरफ़ ही रखना होता है क्योंकि भगवान् में तो 100 सूर्य का प्रकाश होता है।