मतिज्ञान
इसमें पूर्णज्ञान होता है (धारणा तक) आभास नहीं,
जातिस्मरण भी इसी से ।
श्रुतज्ञान आगे का विश्लेषण ।
मुनि श्री निर्वेगसागर जी
इसमें पूर्णज्ञान होता है (धारणा तक) आभास नहीं,
जातिस्मरण भी इसी से ।
श्रुतज्ञान आगे का विश्लेषण ।
मुनि श्री निर्वेगसागर जी