यह कथन सत्य हैं कि जो घटिया वह मान-जो दूसरों का अपमान करता है।मान-दूसरो के प़ति नमने की वृत्ति का न होना मान है अथवा दूसरों के प्रति तिरस्कार रुप भाव होना मान कहलाता है। अतः जीवन में अपने प्रति मान का भाव नहीं रहना चाहिए एवं दूसरों के प़ति अपमान का भाव नहीं रहना चाहिए।
One Response
यह कथन सत्य हैं कि जो घटिया वह मान-जो दूसरों का अपमान करता है।मान-दूसरो के प़ति नमने की वृत्ति का न होना मान है अथवा दूसरों के प्रति तिरस्कार रुप भाव होना मान कहलाता है। अतः जीवन में अपने प्रति मान का भाव नहीं रहना चाहिए एवं दूसरों के प़ति अपमान का भाव नहीं रहना चाहिए।