मिथ्यात्व के टुकड़े
सम्यग्दर्शन होने के बाद या पहले, मिथ्यात्व के टुकड़े होते हैं ?
2 मत हैं -एक के अनुसार पहले तथा दूसरे के अनुसार सम्यग्दर्शन होने के बाद ।
प्रश्न : दूसरे मत में मिथ्यादर्शन के रहते हुये, सम्यग्दर्शन कैसे हो सकता है ?
जबाब : मिथ्यात्व के टुकड़े कर दो (हालाँकि तीनों टुकड़ों में से एक ख़ुद मिथ्यात्व भी है ) या मिथ्यात्व को इतना कमज़ोर कर दो ताकि वह सम्यग्दर्शन प्रकट होने में बाधा पहुँचाने योग्य ही ना रह जाय ।
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी