मूल-प्रतिमा

वेदी पर मूल प्रतिमा विशेष भगवान की होती है, ना कि मूर्ति की ।
जैसे किसी वेदी पर महावीर भगवान की छोटी सी मूल प्रतिमा है और उसी वेदी पर महावीर भगवान की बड़ी मूर्ति आ जाती है तो मूल-प्रतिमा बड़ी वाली मानी जायेगी ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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4 Responses

  1. प्रतिमा—अर्हंन्त आदि वीतराग मूर्ति को कहते हैं। यह पाषाण, धातु, रत्न आदि से निर्मित होती है। अतः यह कथन सत्य है कि वेदी पर मूल प़तिमा विशेष भगवान् की होती है ना कि मूर्ती की होती है।वेदी पर किसी भी भगवान् की प़थम स्थापित की जाती है उसे मूल भगवान् माना जाता है ।

    1. Example से समझाया न !…
      Particular मूर्ति को मूल-प्रतिमा का दर्जा नहीं दिया जाता है,
      मूल-प्रतिमा कौन से भगवान की है, उन भगवान को यह दर्जा दिया जाता है ।

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