मृत्यु

हमारी आयु बढ़ नहीं रही, दिन प्रतिदिन घट रही है ।
फिर भी हम बच्चों की तरह सांसारिक वस्तुओं के लिये लड़ते रहते हैं ।
जबकि मालूम है कि – खिलौना पाने वाला बच्चा भी, सोने के बाद खिलौना छोड़कर ही सोता है ।

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  1. मृत्यु शाश्वत् है,पूर्व जन्म के कर्मो एवं वर्तमान के कर्मो से मृत्यु कब होना है उसकी अवधि निर्धारित होती रहती है।यह कथन सत्य है कि आयु बढ़ रही है लेकिन मृत्यु प़तिदिन घट रही है।अतः उचित होगा कि जब प़ाणी यह समझने लगे कि मृत्यु होना है तो अपनी आत्मा को पवित्र बनाने का प़यास करना चाहिए।मृत्यु के बाद आप कुछ भी नही ले जा सकते हो इसलिये अपनी आत्मा को पवित्र बनाने का यत्न करना चाहिए । आत्मा से परमात्मा बनने का यत्न करते रहे।

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