याददाश्त

हमें धर्म की बातें याद क्यों नहीं रहतीं ?
याद वही बातें रहती हैं…
जिनके प्रति आकर्षण और रूचि होती है या जिनको कर्तव्य की श्रेणी में रखते हैं ।

Share this on...

4 Responses

  1. यह कथन बिलकुल सत्य है – –
    जिनमें ज़्यादा रुचि रहती है, उसकी याददाश्त बनी रहती है, जैसे कोई घटना बुरी होती है, वही याद रहती है ।सच्ची या अच्छी बात याद रखें; तभी कल्याण होगा ।

  2. Can we not include “duty” also, in the list of things, that we remember, because we have to.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

July 26, 2017

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031