रागद्वेष
राग में पास बुलाना है, द्वेष में दूर करना है ।
इस खींचातानी में आत्मा में स्पंदन/Vibration होते रहते है, इससे कर्मबंध होता है ।
चिंतन
राग में पास बुलाना है, द्वेष में दूर करना है ।
इस खींचातानी में आत्मा में स्पंदन/Vibration होते रहते है, इससे कर्मबंध होता है ।
चिंतन